October 17, 2024

पंचतंत्र की कहानी #PanchtantraKiKahani [ ] बन्दर और मगरमच्छ  #monkeyandcrocodile

जंगल में नदी बहती थी उसके किनारे एक जामुन का पेड़ था। जामुन के पेड़ पर एक बन्दर रहता था। बंदर की दोस्ती वहीं नदी में रहने वाले मगरमच्छ के साथ हो गयी। जामुन के पेड़ पर जामुन के फल लगे थे।बन्दर मगरमच्छ को भी खाने के लिए जामुन देता रहता था। एक दिन मगरमच्छ ने कुछ जामुन अपने घर ले गया। यह जामुन उसने अपनी पत्नी को खिलाये। जामुन बहुत मीठे थे। उसकी पत्नी को जामुन बहुत स्वादिष्ट लगे। मगरमच्छ की पत्नी सोचने लगी की, जो बंदर रोज ऐसे मीठे फल खाता है उसका दिल तो बहुत मीठा होगा।अपने पति से उस बन्दर को अपने साथ घर लाने की जिद्द की जिससे वह उसका दिल खा सके।

मगरमच्छ को यह अच्छा नहीं लगा। परंतु पत्नी की जिद्द सामने वह मजबूर था।अंत में न चाहते हुए भी मगरमच्छ ने एक चाल चली । उसने बन्दर से कहा कि उसकी भाभी उसे मिलना चाहती है और उसने तुम्हें घर बुलाया है।उसने बन्दर को कहा कि वह उसकी पीठ पर बैठ जाये ताकि सुरक्षित उसके घर पहुँच जाए।बन्दर भी अपने मित्र की बात का भरोसा कर, पेड़ से नदी में कूदा और उसकी पीठ पर बैठ गया।जब वे नदी के बीचों-बीच पहुंचे ; मगरमच्छ ने सोचा कि अब बन्दर वापस तो जा नहीं सकता, सो सही बात बताने में कोई हानि नहीं है। उसने भेद खोल दिया कि उसकी पत्नी उसका दिल खाना चाहती है। यह सुनकर बंदर का सिर चकरा गया। परंतु उसने अपना धैर्य नहीं खोया और बुद्धि से काम लिया। तपाक से बोला –
“अरे दोस्त, तुमने यह बात मुझे पहले क्यों नहीं बताई क्योंकि मैं तो अपना दिल जामुन के पेड़ की खोखल में सम्भाल कर रखा था और वह वहीं रह गया। चलो अब जल्दी से मुझे वापस नदी के किनारे ले चलो ताकि मैं अपना दिल जामुन की खोखल से लाकर अपनी प्यारी भाभी को उपहार में देकर उनकी इच्छा को पूरा कर सकूं।

मूर्ख मगरमच्छ ने बन्दर की बात को सच मानकर बंदर को नदी-किनारे ले कर आया। किनारे पहुंचते ही बन्दर ने ज़ोर से जामुन के पेड़ पर छलांग लगाई। पेड़ पर पहुंचकर बंदर ने क्रोध में बोला –“अरे मूर्ख ,दिल के बिना भी क्या कोई ज़िन्दा रह सकता है ? अपनी पत्नी के कहने पर दोस्त की जान लेने चला था। मूर्ख जा, आज से तेरी-मेरी दोस्ती खत्म होती है।”

Lessons learnt :

साथियों, यह छोटी सी कहानी हमें सीख देती है :

#कभी भी मुसीबत के क्षणों में धैर्य और साहस न खोयें।

#धैर्य और साहस से मुसीबत का डट कर मुकाबला किया जा सकता है।

#मित्रता का सदैव सम्मान करें तथा मित्र को कभी धोखा न दें। सच्चा मित्र मुश्किल से मिलता है।

#सदैव अच्छे मित्रों का चुनाव करें। मूर्ख मित्र कभी भी आपको जाने अनजाने मुसीबत में डाल सकता है।

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आप जीवन में सफ़ल हों।
सस्नेह आपका

#Bhandari.D.S.

Bhandari.D.S.

Bhandari.D.S.

He is a passionate inspirational writer. He holds Masters degree in Management and a vast administrative and managerial experience of more than three decades. His philosophy : "LIFE is Special. Be passionate and purposeful to explore it, enjoy it and create it like an artefact".

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