आज एक कहानी याद आ रही है , जो इस प्रकार से है।
एक गांव में रामू नाम का किसान रहता था।उसका मकान सड़क के किनारे था। उसका एक गबरु कुत्ता था , जिसका नाम शेरू था । शेरू मकान के बाहर सड़क के किनारे बैठा रहता। जब कोई गाड़ी सड़क से गुजरती तो शेरू बहुत तेजी से उस गाड़ी के पीछे दौड़ता और थोड़ी दूर जाने पर गाड़ी आगे निकल जाती और शेरू वापस अपनी जगह पर आकर बैठ जाता। जब दूसरी गाड़ी आती शेरू फिर उसके पीछे दौड़ता और थोड़ी दूर जाने के बाद वापस आ जाता। यह शेरू की रोज की आदत सी बन चुकी थी। एक दिन रामू का पड़ोसी श्यामू सड़क से गुजर रहा था। रामू भी घर के बाहर हुक्का पी रहा था। तभी एक गाड़ी आई और शेरू उसके पीछे दौड़ा पर उसे पकड़ नही पाया और थोड़ी देर में वापस आ गया। श्यामू ने रामू से पूछा -“रामू तुम्हारा कुत्ता शेरू रोज गाड़ी के पीछे दौड़ता है क्या यह कभी किसी गाड़ी को पकड़ पाएगा?” रामू जरा गंभीर होकर सोचने लगा और उसने उत्तर दिया -“श्यामू भाई मैं यह सोच रहा हूं कि यदि शेरू ने गाड़ी को कभी पकड़ भी लिया तो वह उस गाड़ी का क्या करेगा?”
यह सचमुच विचारणीय है। रामू ने सही कहा है कि हम भी कई बार शेरू की तरह बहुत दौड़-धूप करते हैं ,दिनभर व्यस्त रहते हैं ,पर उससे कुछ प्राप्त नहीं होता,उसका कोई लक्ष्य नहीं होता। बिना उद्देश्य के चलते रहते हैं दौड़-धूप करते हैं। अंत में हताश होकर सोचते है कि हमें इतनी मेहनत के बाद भी कुछ नहीं मिला।
आओ आज सोचे और विचारे!अपने BIG GOALS तय करें।अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्लान बनाए और उस पर action ले।अपने big goals की प्राप्ति के लिए एक समय सीमा निर्धारित करें।बिना समय सीमा के गोल सिर्फ सपने होते हैं।
आज अभी इस वक़्त action मे आये। आपके सफ़ल भविष्य की कामना के साथ:
आपका
Bhandari.D.S.