#elearning #digitallearning
पूरे देश में कोविड-19 के कारण Lock down है और सारे स्कूल कॉलेज बंद होने पर बच्चों की पूरी study E- Learning (डिजिटल लर्निंग) द्वारा कराई जा रही है। शुरुआत में टीचर, स्टूडेंट, पेरेंट्स अभी बहुत उत्साहित थे। तुरंत रोज वही रूटीन , same contents के कारण टीचर, स्टूडेंट्स, और पेरेंट्स का जोश ठंडा पड़ता जा रहा है तथा E – Learning के प्रति एक complacency दिखाई दे रही है।चलो वर्तमान हालात का जायजा लेते हैं।
दृश्य 1 :
बंटी कक्षा 1 का छात्र है।रोज सुबह 9:00 बजे से उसकी क्लास शुरू होती है जो कि 2 घंटे चलती हैं। आज सुबह 8:30 बजे हैं, मम्मी जी बंटी को उठा रही है ,वह उठ नहीं रहा है ।काफी डांट के ऊपर में उठता है और बालकनी में आकर बैठ जाता है और वह वहां पर सिसक सिसक कर रो रहा है। 8.45 बजे: बंटी क्लास में पढ़ने के लिए बड़ी मन्नत के बाद तैयार होता है।9.05 बजे बहुत मनाने के बाद बंटी अनमने से क्लास को अटेंड करता है।
दृश्य 2:
शाम 6:00 बजे हैं श्रीमती दीप्ति मैडम जो कि एक टीचर है काफी परेशान है। उसे Assignment तथा वर्क शीट तैयार करनी है तथा आज ही साइट में लोड करने का अंतिम दिन है।उधर उसके पति भी Work to home कर रहे हैं, एक ही लैपटॉप है जिस कारण वह असाइनमेंट और वर्क शीट को लोड नहीं कर पा रही है। स्कूल से लगातार रिमाइंडर जा रहे हैं। वह खीज रही है कि स्कूल में 8:00 से 2:00 तक काम करना पड़ता है ,आजकल तो दिन रात काम कर रहे हैं।
इसी तरीके की न जाने कितनी समस्याएं घर-घर में दिखाई दे रही हैं। इससे यह बात तो स्पष्ट है कि जो ई लर्निंग वर्तमान में हो रही है , उसमें कुछ improvements की जरूरत है। स्टूडेंट उससे ऊब चुके हैं। टीचर भी परेशान है क्योंकि उनके पास राइट equipment, suitable technology और required skill की कमी है।अब सवाल उठता है कि इस situation से किस तरीके से निपटा जा सकता है। इसके लिए हमें ई लर्निंग को इफेक्टिव तथा इंटरेस्टिंग बनाना होगा। इसके लिए एक well desiged रणनीति अपनानी होगी उसके तहत काम करना होगा। इसके लिए कुछ सुझाव निम्न प्रकार से है:
1-स्मार्ट स्कूल सॉफ्टवेयर तैयार करना और trainers को टेक्नोलॉजी का पर्याप्त ज्ञान देना, जिससे टेक्नोलॉजी का सही पूरा उपयोग हो सके।
2-स्टूडेंट के Attention span को ध्यान में रखकर ई लर्निंग क्लासेस के lessons को डिजाइन किया जाए। एक 7 साल के बच्चे के लिए 30 मिनट की क्लास बहुत लंबी हो जाती है एक ही लेसन को दो या तीन भागों में बांटकर पढ़ाया जा सकता है ।यदि एक ही गो में पूरा लेसन पढ़ाना है तो बीच में स्माल बरअक्स लिए जा सकते हैं। स्टूडेंट के attention को एक्टिव रखना होगा।
3-स्टूडेंट्स को कुछ चॉइस और flexibilityदेनी चाहिए: बच्चे एक ही रूटीन से उकता जाते हैं उनको होमवर्क असाइनमेंट करने में थोड़ी फ्लैक्सिबिलिटी देनी होगी और पर्याप्त समय सीमा भी देनी होगी।
4-E – Learning को एक गेम स्टाइल में प्रस्तुत करें। इसमें थोड़ा रिसर्च करना होगा तथा क्रिएटिविटी से कुछ lessons को gaming स्टाइल में डिलीवर करना होगा ।इसको Gamificatin in Education भी कहते हैं।
5- E-लर्निंग में प्रैक्टिकल aspects भी जोड़ें। अप्लाई लर्निंग टू रियल लाइफ ।ऐसे examples दें, जिन्हें स्टूडेंट relate कर सकें।
6-Lessonमें फॉलो अप में कुछ fun activities करने के चैलेंज दे।जैसे कि lesson से रिलेटेड कोई गाना बनाने को दें या उसको pictures में depict करने को कहें।
ई लर्निंग को एक fun तथा engaging activity बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। यदि हम ऊपर बताई बातों का ध्यान रखें और थोड़ा क्रिएटिविटी के साथ काम करें तो यह लर्निंग सभी stakeholders के लिए एक rewarding experience बन जाता है।
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Bhandari.D.S.