हमारी दिनचर्या (daily routine)यह तय करते हैं कि हम जिंदगी में सफलता के किस मुकाम पर पहुंचेंगे। हम अपने जीवन में कितने खुश रह पायेंगे।श्रीमद्भागवत गीता में श्री भगवान कृष्ण जी अर्जुन को कर्म की महत्ता को समझाते हैं, निष्काम कर्म पर जोर देते हैं। हम सभी अपने उद्देश्य और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी कोशिश करते हैं। परन्तु some achieve success और some never achieve. ऐसा क्यों होता है? जब हम अपने लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो हम सभी में बहुत ही जोश होता है और हम अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए जी जान से जुट जाते हैं। समय बीतने के साथ बहुत से लोगों का जोश धीरे धीरे कम हो जाता है। यह इसलिए होता है क्योंकि हम हम स्वयं के बारे में डाउटफुल हो जाते हैं। हम अपने माइंड में अपनी capabilities पर ही doubt create करते हैं।और यही self dobut बाद में हमारे और हमारे goals के बीच में बहुत बड़ी बाधा बन जाते हैं। हम मान लेते हैं कि हम यह लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इस निराशाजनक स्थिति को बदलने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
हमें सबसे पहले basics को समझना पड़ेगा।हम रोजाना जो काम करते हैं, वह हम rituals की तरह करते हैं और हमारा purpose कहीं खो जाता है। हमें अपने डेली रूटीन को reset करना होगा।उनको अपने goalsऔर उद्देश्य के साथ realign करना होगा। जिससे आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार हो और हम जो कार्य आप कर रहे हैं उसपर पूरा फोकस कर सके।
Daily routines या रिचुअल्स में सबसे अधिक आवश्यक यह है कि हम अपना दिन कैसे शुरुआत करते हैं। एक कहावत भी है : well begin half done।
हम एक आम आदमी के मॉर्निंग रूटीन्स पर एक नज़र डालते हैं: हम रात को देर से सोते हैं और सुबह 7:00 बजे बड़ी मुश्किल से उठते हैं। शरीर थका थका रहता है, उठने का मन नहीं कर रहा है। हम सबसे पहले अपना मोबाइल ढूंढते हैं ,उसके व्हाट्सएप पोस्ट , फ़ेसबुक और सोशल मीडिया के जो भी मैसेज चेक करते हैं। हमें इसकी चिंता रहती है कि हमें कितने लाइक्स और कैसे कमेंट मिले। यह सब करते-करते 7.45 हो जाते हैं। याद आता कि आज जल्दी आफिस जाना है। फटाफट नहाने जाते हैं ,जल्दी-जल्दी नाश्ता करते हैं और और हमारा stress level बढ़ना शुरू हो जाता है। और आपका दिन एक बड़ी ही अटपटे तरीके से शुरू होता है। आप पूरे दिन के लिए अपने को तैयार नहीं कर पाते हैं|।
हमें इस स्थिति को बदलना होगा । आपको निम्न प्रकार से अपनी morning rituals को फॉलो करना चाहिए:
1-आप रात को यथासंभव थोड़ा जल्दी सोने की कोशिश करें।
2-सुबह 5:00 बजे का अलार्म लगाएं और मुस्कराते हुए उठे।अलार्म की ट्यून बड़ी soothing होनी चाहिए।
3-उठ कर थोड़ा गुनगुना पानी पीयें ।
4-घर में शारिरिक व्यायाम करें।इससे आपके शरीर में जो आलस्य है दूर भाग जाएगा। इट विल इम्प्रूव your hardware।
5-इसके बाद प्राणायाम meditation करें। यह आपके mind को positive फ्रेम में रखेगा। stress को कम करेगा। इट will इम्प्रूव your software।
6-कुछ छोटी-छोटी चीजें भी करें जैसे अपने बिस्तर को ठीक करें। जब बेड शीट की सलवटें ठीक करते हैं तो आपके दिमाग की उलझने भी सुलझती हैं।
7- Positive thinking session: 10 मिनट का सेशन attitude for gratitude की प्रैक्टिस का रखें। इसमें जो भी आपके जीवन में है उसके लिए प्रभु का धन्यवाद दीजिए। उसने आपको जो जो कुछ भी दिया है कम से कम 5 चीजों के लिए आप धन्यवाद करें। आपके पास जो कुछ भी है उसके लिए धन्यवाद दें। अपने पर्सनल विजन एंड goals पर ध्यान दें, उन पर विचार करें ,अपने आप को उन goals को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें।
8-Journal लिखें: पॉजिटिव थिंकिंग session में आपने जो कुछ भी विचार किया है, उसको एक जर्नल में लिखें। इससे यह फायदा होगा कि आप इसको कभी भी revisit कर सकते हैं। यह आपकी ऊर्जा और enthusiasm को कई गुना बढ़ा सकता है।
अब आप दिन भर के कार्य करने के लिए अपने को ,अपने दिमाग को और अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त कर चुके हैं।अपनी आगे की दिनचर्या शुरू करें और अच्छा पोष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता खाएं।
अभी आप उपरोक्त विधि से अपने दिन की शुरुआत करते हैं तो आपका शरीर (हार्डवेयर ) और आपका दिमाग (software) दोनों ही reboot होकर आने दिन मे आने वाली प्रॉब्लम को फेस करने के लिए तैयार है।
आप इस बारे में अपने विचार या इससे सम्बधित अनुभव हमें अवश्य बताएं। इसके लिए comment में जाएं या हमारी ईमेल आईडी,: igyansetu@gmail.com पर मेल भेजें।
आप जीवन में सफ़ल हों।
सस्नेह आपका
#Bhandari.D.S.