भारत की राजधानी दिल्ली एवं अन्य बड़े शहरों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है तथा चिंताजनक स्थिति में पहुंच गई है। कारखानों से निकलने के बाद रासायनिक पदार्थ व गैसों का अवशोषण फसलों, वृक्षों आदि पर करने से प्राणियों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। प्रदूषित हवा मानव शरीर को नुकसान पहुंचाती है। परंतु उन लोगों के लिए ओर ज्यादा पनुकसानदेह हैं, जो पहले से सांस की बीमारियों जैसे bronchitis, asthma, chronic obstructive pulmonary disorders, lungs diseases (फेफड़ों का रोग), सिस्टिक फाइब्रोसिस, फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित हैं. इसके अलावा बुजुर्गो और कम प्रतिरक्षी क्षमता वाले लोगों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।
इस स्थिति में सलाह दी जाती है कि जहां तक हो सके, प्रदूषित हवा के सम्पर्क में आने से बचें और निम्न बातों का पालन करें।
वायू प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करें।। जब भी घर से बाहर खुले में जाएं तो उचित मास्क जरूर पहनें।
2- वायु प्रदूषण को फैलने से रोकने के लिए निम्न बातों का ख्याल रखें:
कार पूल करें।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें।
अपनी गाड़ी का सही रख रखाव करें जिससे प्रदूषण कम हो।
टायर्स में हवा का सही प्रेशर रखें।
कार की refuelling सुबह या इवनिंग में करें जब तापमान कम हो।
Environmentally safe पेंट व अन्य मटेरियल का उपयोग करें।
3- घर के अंदर air purifying इंडोर प्लांट्स लगायें। जो प्रदूषित हवा को शुद्ध करने में सक्षम होंते हैं।
4- <span;>निर्धूम चूल्हे तथा CNG, PNG, व सौर ऊर्जा की तकनीक से चलने वाले उपकरणों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
5-वनों की अनियंत्रित कटाई को रोकने के कारगर उपाय होने चाहिए। इस कार्य में सरकार , स्वयंसेवी संस्थाएँ एवम प्रत्येक नागरिक को प्रयास करना चाहिए।चाहिए कि वनों को नष्ट होने से रोके व वृक्षारोपण करें।
6- शहरों-नगरों में एक मॉडर्न waste management सिस्टम होना चाहिए। इसमें waste re cycling की भीव्यवस्था हो।
7- समाज में इसके प्रति चेतना जागृत करने एवं इसकी जानकारी व इससे होने वाली हानियों के प्रति सचेत करने हेतु विभिन्न प्रचार माध्यम जैसे दूरदर्शन, रेडियो पत्र-पत्रिकाओं आदि से प्रचार करना चाहिए।
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