सब जीवन बीता जाता है : जय शंकर प्रसाद:
#jaishankarprasad सब जीवन बीता जाता है धूप छाँह के खेल सदॄश सब जीवन बीता जाता है समय भागता है प्रतिक्षण में, नव-अतीत के तुषार-कण में, …
#jaishankarprasad सब जीवन बीता जाता है धूप छाँह के खेल सदॄश सब जीवन बीता जाता है समय भागता है प्रतिक्षण में, नव-अतीत के तुषार-कण में, …
सुमित्रानंदन पंत (२० मई १९०० – २८ दिसम्बर १९७७) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।उनका संपूर्ण साहित्य ‘सत्यं शिवं सुन्दरम्’ के आदर्शों से प्रभावित है।परंतु समय …
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख कवियों में से एक माने जाते हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते …
राही तू राही तू अपनी राह पर चलता चल । मंजिल की चाह में बस चलता चल । कांटों से बेपरवाह ,कदम दर कदम लेता …
हम दें उसको विजय, हमें तुम बल दो, दो शस्त्र और अपना संकल्प अटल दो, हो खड़े लोग कटिबद्ध यहां यदि घर में, है कौन …