November 24, 2024

Over thinking:How to stop it । अत्यधिक सोच एव निदान

चिन्ता करना और ज्यादा सोचना ज्यादातर लोगों की जिंदगी का मुख्य कार्य बन चुका है। यदि आप इन आदतों को काबू में नहीं रख पाते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती हैं। यह आपके अंदर तनाव, anxiety, unhappiness आदि पैदा कर देगी। कभी कभी तो यह गंभीर मानसिक तनाव एव रोग का रूप भी ले सकती है।

एक उदाहरण लेते हैं । अशोक ग्रेजुएशन करके शहर नौकरी के लिए आया। वह नौकरी के इंटरव्यू में असफल होकर घर आता है। वह सोचता है कि मुझे कोई नौकरी नहीं मिल सकती क्योंकि मैंने MBA नहीं किया है। काश मैंने  इंटर में मेहनत की होती। यदि मैं  BBA में एडमिशन ले लेता। पिताजी ने इंटर के बाद ही सिटी college में एडमिशन दिला दिया होता। …….. अब इसी तरह में अगले इंटरव्यू में भी फेल हो गया तो क्या होगा। कब तक घर से पैसे मंगाकर काम चलेगा। अगर नौकरी मिली भी तो छोटी सी मिलेगी, उससे मेरा खर्चा ही पूरा नहीं हो सकता । मेरी जिंदगी तो बरबाद हो जायेगी।………। यह सब सोचकर वह और दुखी हो जाता है।

उधर दूरी तरफ उसके साथ उसका दोस्त सुरेश भी ग्रेजुएशन करके शहर आया। उसी इंटरव्यू में वह भी appear हुआ था और वह भी सेलेक्ट नहीं हो सका था। वह कमरे में आकर सोचता है इस बार के इंटरव्यू में क्या कमी रह गई। वह प्लान बनाता है कि वह आगे की तैयारी कैसे करेगा। वह अपने अंकल जो कि सीनियर पोजीशन में है, उनसे भी interview के बारे में discuss करता है। उसके अंकल उसे इम्प्रूव करने के लिए टिप्स देते हैं। अब वह दुगने उत्साह के साथ अगले इंटव्यू की तैयारी में जुट जाता है।

ऊपर के उदहारण से यह पता चलता है एक सी परिस्थिति में दो तरीके से सोचा जा सकता है:
1- Problem thinking : जिस तरह से अशोक सोच रहा है।

2- Solution thinking: जिस तरह से सुरेश सोच रहा है।

प्रॉब्लम थिंकिंग में हम समस्या के एक ही बिंदु पर केंद्रित होकर निराधार सोचने की प्रक्रिया में उलझते जाते हैं। हम thinking में ही फँस जाते हैं। इस तरह हम अपनी कर्म करने की इच्छा  भी छोड़ देते हैं।हमारा दृष्टिकोण नकारात्मक होता जाता है। यह नकारात्मक सोच ही हमारे दुःखो का कारण बन जाती है। यह सब एक लंबे अरसे तक चलने से हमारी memory एव IQ कमजोर हो जाते हैं। हम एक दुःखी, असफल व्यक्ति की तरह जीवन गुजार देते हैं। इस Problem Thinking से कैसे छुटकारा पा सकते हैं?

सर्वप्रथम हमें अपनी thinking को Problem mode से solution mode पर shift करना होगा। यह कैसे होगा,? जब भी हम किसी problem situation पर सोच रहे होते हैं तो हमें उस प्रॉब्लम के probable outcome के तीन scenario create करने चाहिए।
i- Worst situation outcome
ii- Best situation outcome
iii- Most likely  outcome

जब भी किसी problem में उलझ जायो तो ऊपर लिखित तीन scenario को create करें।  इसका पहला फायदा यह होगा कि हमारा माइंड problem मोड  से solution मोड में शिफ्ट हो जाता है। यानि कि नकारात्मक सोच को हम सकारात्मक सोच में बदल देते हैं।
उदहारण के लिए आपने एग्जाम. दिया और आप सोचने लगे कि कंही मैं फेल तो नहीं हो जाऊँगा।  ………….। इस स्थिति में आप तीन scenario create करो:
पहला scenario: worst case में फेल हो जाऊँगा। फेल होने से क्या होगा? Duniya तो नहीं बदल जाएगी। Prepare yourself to face worst situation. इससे आप over thinking के negative impact से बच सकते हैं।
दूसरा scenario: Best case में class में टॉप कर सकते हैं। बहुत अच्छे मार्क्स आ सकते हैं।
तीसरा scenario: Most likely outcome। इसे हम बखूबीअंदाज लगा सकते हैं। मैं फेल तो नहीं होऊंगा परंतु 45 % अंक तो आ ही जायेंगे। चलो ठीक है, इस बार ज्यादा मेहनत नहीं की परन्तु अगले साल खूब मेहनत करूँगा और क्लास में टॉप करूँगा।

इस तरह से पहले आप अपने को worse केस को face करने के लिए तैयार कर रहे हो और साथ ही actual situation को positive attitude के साथ tackle कर रहे हो। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप भविष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टि अपनाते हो जो आपको future actions के लिए तैयार करती है।

इस तरह की अनेकों situations से आपको झूझना पड़ेगा। यदि आप ऊपर वर्णित approach को अपनाते हो तो आप over thinking के बुरे परिणामों से बच सकते हो और सकारात्मक सोच के साथ right actions ले सकते हो। यह आपको सफलता की सीढ़ियों को चढ़ने के लिए तैयार करता है।

आपके सुखद भविष्य की कामना के साथ:

आपका स्नेही

Bhandari. d.s.

Bhandari.D.S.

Bhandari.D.S.

He is a passionate inspirational writer. He holds Masters degree in Management and a vast administrative and managerial experience of more than three decades. His philosophy : "LIFE is Special. Be passionate and purposeful to explore it, enjoy it and create it like an artefact".

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