आज की दौड़ धूप भरी जिंदगी में हर व्यक्ति परेशान है। जिंदगी में tension ही tension हैं। किसी के पास चैन की सांस लेने भर की फुर्सत नहीं है। सुबह उठकर ऑफिस जाने की चिंता, रास्ते में traffic में office टाइम से पहुंचने की चिंता। office में boss को task on टाइम देने की चिंता…..।
आफिस में बच्चों की फीस , बुक्स, लैप टॉप आदि की चिंता।…… और न जाने क्या, क्या? इतनी सारी चिंताओं में पड़कर हमारी सोच भी नकारात्मक हो जाती है। हम हर स्थिति में कुछ बुरा न हो यही सोचते हैं। बच्चे के exam है तो सोचेंगे कि कहीं फैल न हो जाये, गाड़ी चला रहे हैं तो सोचेंगे कि टक्कर न हो जाये…।
इस तरह से negative thoughts ( नकारात्मक सोच) की एक chain बनती जाती है!
हमारे घर मुहल्ले की यह कहावत है -“चुगली रसगुल्ले से भी मीठी होती है।” यानी कि हमें back biting में बहुत मज़ा आता है। घर हो , शादी का समारोह, आफिस हो या कोई get together , हम सभी एक दुसरे की चुगली में दिन रात व्यस्त रहते हैं। जब हम दूसरों के बारे में negative बातें करते हैं तो हम negative thoughts की energy को strong करते हैं। जिसके फलस्वरूप हमारे जीवन में भी negativity आ जाती है। जब आप नीम बोयेंगे तो आम जैसे फल की आशा नहीं कर सकते। हमारे जीवन में लगातार असफलता , असन्तोष, निराशा जैसी घटनाएं जीवन का पर्यायवाची बन जाती हैं। फिर हमें लगता कि यह हमारे पूर्वजन्म के कर्मों का फल है। परंतु स्वर्ग और नरक यहीं हैं। जैसा हम सोचेंगे अपने या दूसरोँ के बारे में, हमारे जीवन में भी वैसा ही घटित होता जाता है।
हमारा जीवन हमारे विचारों का प्रतिबिंब है।
असल में यह बात काफी interesting है कि हम भविष्य की चिंताओं में अपने वर्तमान को भी व्यर्थ गँवा रहे हैं। जो अभी आया ही नहीं, जो अभी घटित हुआ ही नहीं, वह कैसे घटित होगा इसी आशंका में , हम सोच में डूबे रहते हैं और वर्तमान में जो कार्य करना है उस पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिस कारण वह कार्य ठीक से execute नहीं हो पाता , जिस कारण से final result भी आशा से काफी नीचे रह जाता है। यह cycle लगातार चलता रहता है और हमारी efficiency दिन प्रतिदिन घटती जाती है। जिससे हम असफलता की ओर बढ़ जाते हैं।
अब question आता है कि इस स्थिति से कैसे उभरा जाये। जो negative thinking pattern है वह काफी strong होता है, हम उसे आसानी से break नहीं कर सकते। इसको रोकने का एक मात्र उपाय है, Negative thoughts must be replaced by positive thoughts. Slowly हम इसको practice करेंगे तो negative thinking pattern को हम positive thinking pattern में convert कर सकते हैं।
यह बात कहने में आसान लगती है, परन्तु practical life में यह बहुत मुश्किल है। इसी मुश्किल को आसान बनाने के लिए एक practical doable system है, जिसे Positive Afffirmations के नाम से जाना जाता है।
What is positive affirmation?
Positive Affirmations : यह एक positive phrase ( सकारात्मक वाक्य) , मंत्र या statement जो हमें negative thoughts पर विजय पाने में मदद करते हैं। यह wishful thinking है, जिसमें हम अपनी अभिलाषा को वास्तविक समझ कर अपने विचारों को सकारात्मक दिशा देते हैं। In other words it is the process of reprograming our mind’s thinking pattern.
Postitive affirmations की प्रैक्टिस करना एक आसान प्रक्रिया है। इसमें एक पॉजिटिव phrase या मंत्र को बार बार दोहराया जाता है।
उदाहरण के लिए सुबह उठने के बाद हम निम्न शांति मन्त्र को लगातार दोहरा सकते हैं,:
ॐ असतो मा सद्गमय । तमसो मा ज्योतिर्गमय ।
मृत्योर्मा अमृतं गमय ।ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
Om Asato Maa Sad-Gamaya ।Tamaso Maa Jyotir-Gamaya ।
Mrtyor-Maa Amrtam Gamaya ।Om Shaantih Shaantih Shaantih ।
इसके अलावा आप निम्न पॉजिटिव अफ्फ्फर्मेशन्स को भी प्रयोग कर सकते हैं:
1- मैं खुद ही अपने भाग्य को बनाने वाला हूँ।
2- मेरे जीवन में खुशियाँ, सफलता निरंतर आ रही हैं, जिसके लिए में प्रकृति का आभारी हूँ।
3- मेरा व्यवसाय दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।
4- मुझमें वह सारे अच्छे गुण हैं, जो सफलता दिलाते हैं।
इन positive affirmations को सुबह उठकर लगातार दोहराएं, इससे आपके जीवन में पॉजिटिव changes आयेंगे, ये जिंदगी से निराशा, उदासी को दूर करते हैं।यह आपके आत्म सम्मान को जगाएँगे। इन्हें आप कहीं भी और कभी भी दोहरा सकते हैं।
आशा है आप positive affirmations को अपनी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बनाकरइसे अपनी आदत में शुमार कर लेंगे।
एक सकारात्मक शुभ इच्छा के साथ
आपका स्नेही
bhandari.d.s.