कोविड-19 यानी Corona Virus की वजह से छूत की महामारी फैली है जिससे 212 देश इसकी चपेट में है। 37 लाख से अधिक व्यक्ति इससे ग्रसित हो चुके हैं। 2 लाख 50 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।कोरोना वायरस की वजह से अधिकतर देशों में Lockdown की स्थिति है ,लोगों की गतिविधियों को घर के अंदर तक ही सीमित कर दिया गया है।औद्योगिक, आर्थिक और सामाजिक सभी गतिविधियां ठप है।अभी तक इस corona virus का कोई इलाज नहीं है ,केवल preventive measures ही बचाव है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग मुख्य है। Quarantine भी बहुत सुनने को मिलता है। इसमें कोरोना वायरस से पीड़ित होने की संभावना वाले व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को अलग रखा जाता है। जिससे बीमारी फैलने से रोका जा सकता है। कहते हैं हर situation अपने साथ new threats ओर challenges लाती है ,तो उसमें कुछ opportunities भी छिपी होती है। Corona Pandemic की वर्ल्ड वाइड सिचुएशन से हमें बहुत कुछ सीखने को भी मिला है। जो कि निम्न प्रकार से है:
1-मनुष्य धरती का शासक नहीं है। वह इस पृथ्वी में उपस्थित जीवो में से एक जीव है। अतः मनुष्य को प्रकृति का अनियंत्रित दोहन नहीं करना चाहिए। सभी जीवो को अपने-अपने क्षेत्र में जीवनयापन का अधिकार है।
2-हर जीव जो भी इस पृथ्वी पर है, चाहे वह कितना भी सूक्ष्म क्यों ना हो। प्रकृति में उसकी हिस्सेदारी बराबरी की है और सही समय आने पर वह बलशाली भी हो सकता है। मानव जाति को गर्व था कि उसने प्रकृति पर विजय पा ली है।वह चंद्रमा व मंगल पर पहुंच गया है। परंतु एक अति सूक्ष्म कोविड-19 वायरस ने तथाकथित विकसित देशों को घुटनों के बल ला कर रख दिया है।
3-Corona Pandemic के कारण जो Lockdown की स्थिति बनी हुई है, उससे औद्योगिक, आर्थिक एवं परिवहन व्यवस्था ठप है ।इससे प्रकृति (mother earth) ने अपने को rejuvenate किया है। गंगा का पानी देवप्रयाग औऱ हरिद्वार के बीच इतना साफ हो गया कि वह पीने लायक हो चुका है। Cities का पोलूशन खत्म हो गया है, हवा साफ हो गई है ,चिड़िया घर के बाहर चेहचाने लगी हैं।
4-अभी तक कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है ।ऐतिहात बरतना ही मात्र इलाज है।सोशल डिस्टेंसिंग ,हाइजीन एंड सैनिटेशन इसकी दवाई है । सारी मानव जाति स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक हुई है।
5-विश्व एक परिवार है। इस परस्पर निर्भरता का एहसास हमें आज हुआ है। भारतीय दर्शन का वाक्य -“वसुदेव कुटुंबकम” आज चरितार्थ होता है।यह विश्व परिवार तभी तक सुरक्षित है ,जब तक इसके सभी सदस्य सुरक्षित हैं।
6- Corona Pandemic की स्थिति में हमें एकजुट होकर कार्य करने की सीख दी है। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए विकसित देश ,विकासशील देश , छोटे देश ,सभी देशों की सरकारें यथासम्भव इसकी रोकथाम में लगे हैं। Lockdown, social distancing , quarentine जैसे शब्द जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। इन सभी कार्यक्रम में सभी नागरिक एकजुटता का परिचय दे रहे हैं।
7-इस संकट की घड़ी में हमें माननीय मूल्यों एवं संवेदना की पहचान हुई है। हम भौतिक सुखों की आपाधापी में अपने को, अपने बच्चों को, अपने परिवार को खो चुके थे। लॉक डाउन में हमें घर में बंद करके हमारे अंदर छुपी मानवीय संवेदना को जगाया है। हमें एक दूसरे से जुड़ने का मौका दिया है।
8-स्वास्थ्य प्रणाली ( Health Care System) मानव जाति की सुरक्षा के लिए एक अहम प्रणाली है। इसका एहसास हो चुका है। जिस प्रकार हर देश अपने रक्षा तंत्र को सैनिक, हथियार या मिसाइलों से लैस रखता है ,उसी प्रकार हेल्थ केयर सिस्टम को भी modernise एंड equipped करना होगा।
9-New Learnings for all of us from current COVID-19 ,Pandrmic:
#पेट्रोल, क्रूड ऑयल की कोई कीमत नहीं है यदि इनको consume करने वाला न हो।
#खुशी की बात है की हमें पता चल गया है कि हम Junk Food के बिना जिंदा रह सकते हैं।
#स्वच्छता का दैनिक जीवन में पालन करना इतना भी मुश्किल नहीं है, जितना कि हम समझते थे।
#Film Actors केवल एंटरटेनर है ,असली हीरो नहीं है। आज असली हीरो तो डॉक्टर , मेडिकल स्टाफ़ हैं।
#Social Distancing एंड हाइजीन को फॉलो करना is New Norm ।
#हमें प्रकृति को उसके संसाधनों को सलीके से उपयोग करना होगा , अन्यथा कोरोना वायरस जैसे invisible enemies भविष्य में आते ही रहेंगे।
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आपके सुखद एवं स्वस्थ जीवन की कामना के साथ
सस्नेह आपका
Bhandari.D.S.
Very nice thoughts. This is the time to learn what nature is demanding right now.